Thursday, June 20, 2013

[panchsheel_wellington] हजारों मरे लाखो घायल भयंकर हाहाकार क्यूँ मचा पहाड़ पर ?



हजारों मरे लाखो घायल भयंकर हाहाकार क्यूँ मचा पहाड़ पर :_------

डॉ.डी.आर.नकिपुरिया,वरिष्ट पेट आंत रोग चिकित्सा विशेषज्ञ

रंजू नकिपुरिया ,स्त्री रोग विशेषज्ञ 1420 महागुन मिलानो क्रोसिंग,

वन, जीव और पर्यावरण की रक्षा का संदेश देने वाली कहानी, नाटक और फिल्में बनती रहती हैं। अधिकांश लोग बचपन से ही सुनते, पढ़ते और देखते आ रहे हैं। भारत के अधिकांश धार्मिक पर्व प्रकृति और पर्यावरण से ही जुड़े हैं, इसके बावजूद प्रकृति के विरुद्ध क्रियाकलाप लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शाहरुख खान और करण जौहर ने वर्ष 1995 में काल नाम की फिल्म बनाई थी, जिसे सोहम शाह ने लिखा था और उन्होंने ही निर्देशित किया था, इस फिल्म में काली नाम के पात्र का अभिनय अजय देवगन ने किया था। काली को जंगल और वन्यजीवों से बेहद प्रेम था और वह उनकी रक्षा के लिए पर्यटकों की हत्या कर देता था। आज ऐसे ही व्यक्ति या कठोर कानून की आवश्यकता है, जिसका पालन कड़ाई से कराया जाना चाहिए।

वन्यजीवों की बहुत सी प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं और अनेक प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं, इनके संरक्षण के लिए तमाम योजनाएँ चल रही हैं और कानून भी हैं, इसके बावजूद आज भी वन्यजीवों का निरंतर शिकार हो रहा है, क्योंकि लोगों की सोच नहीं बदल रही, साथ ही कानून का कड़ाई से पालन कराने की दिशा में सरकार भी गंभीर नज़र नहीं आ रही। फिल्म अभिनेता सलमान खान पर काले हिरण के शिकार का आरोप है, जिसे लोग गंभीर बात नहीं मानते। अपने पालतू कुत्ते को कुछ हो जाए, तो लोग दवा दिलाते हैं, उसे कोई डंडा मार दे, तो लड़ जाते हैं, पर जंगल के जीवों के साथ हो रहे अत्याचार पर अधिकांश लोगों की आँखें नम नहीं होतीं। चीटी और मच्छर की तरह ही अधिकांश लोग खरगोश, सियार, भेड़िया, हिरण, बत्तख, लोमड़ी, मोर, कबूतर, तोता और कोयल की मौत को मानते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से तो है ही, धार्मिक दृष्टि से भी वन और जीवों का विशेष महत्व है, इनके मिटते ही सब कुछ खत्म हो जाएगा, मानव भी नहीं बचेगा। जो लोग भगवान को नहीं मानते, उन्हें यह मानना चाहिए कि भगवान पंच तत्व का संक्षिप्त नाम है। भ से भूमि, ग से गगन, व से वायु, अ से अग्नि और न से नीर, अर्थात पंच तत्व ही भगवान हैं, ऐसे में जो इन पंच तत्वों को दूषित करेगा, उसे सज़ा मिलनी ही है। पर्यटन के नाम पर अधिकांश लोगों का आचरण पंच तत्वों को नुकसान पहुंचाने वाला ही रहता है और सज़ा संपूर्ण मानव जाति के साथ निरीह जीवों को भी मिलती है, इसलिए भ्रमण या धार्मिक यात्रा की आड़ में वन और पहाड़ों पर प्रदूषण फैलाने की जगह जहां हैं, वहीं रहकर पर्यावरण को शुद्ध करने की दिशा में काम करने से अधिक पुण्य मिलेगा।

खैर, कुछ दशकों पहले तक वन क्षेत्र के लोग भी फिल्म काल के काली की तरह ही पर्यटकों से चिढ़ते थे, पर सरकारी संरक्षण में वन क्षेत्रों का दोहन शुरू हुआ, तो वन क्षेत्र में रहने वाले बर्बाद हो गए। जो निश्चिंत थे, वह भूखे मरने के कगार पर पहुंचा दिये, साथ ही पैसे की ऐसी भूख जगा दी कि वह लोग खुद भी चाहने लगे कि दुनिया भर से लोग यहाँ आयें और कुछ दिन रहें। अपने घर में बिस्तर पर चादर झाड़ कर बैठने वाले लोग स्टेशन, बस अड्डा, हवाई अड्डा, रेल और बस में गंदगी फैलाते देखे जा सकते हैं, यही लोग वन क्षेत्र को प्रदूषित करते हैं और एक-दो सप्ताह के प्रवास में ही हाहाकार मचा देते हैं, जिस से वन क्षेत्रों के हालात भयावह होते जा रहे हैं।

इसके अलावा खनन से गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है। प्रकृति का दोहन अति आवश्यक अवस्था में होना चाहिए, लेकिन हाल-फिलहाल माफिया पूरी तरह हावी हैं, सरकार दस प्रतिशत दोहन कर रही है और माफिया नब्बे प्रतिशत, जिसका दुष्परिणाम आम आदमी भुगत रहा है। मौसम और वातावरण में आश्चर्यचकित करने वाले परिवर्तन हो रहे हैं, वैज्ञानिकों की भविष्याणी निराधार साबित हो रही हैं, इस सब पर रोक नहीं लगी, तो जीवन समय से पहले ही समाप्त हो जाएगा। मैदान और पहाड़ एक-दूसरे के पूरक हैं, दोनों का ही सुरक्षित रहना आवश्यक है, तबाही पहाड़ पर होती है और दुष्परिणाम मैदान में नज़र आता है, इसलिए अब कड़े कानून बनाने और पालन करने का समय आ गया है। मैदान से वन और पहाड़ क्षेत्र में जाने का एक कोटा निश्चित होना चाहिए और फिर वहाँ के नियमों का कड़ाई से पालन भी कराना चाहिए, वरना अभी केदारनाथ में हुई भयावह घटना तो सिर्फ शुरुआत भर है।
Like ·  · Unfollow Post · Share · Promote

--
drn


__._,_.___


Your email settings: Individual Email|Traditional
Change settings via the Web (Yahoo! ID required)
Change settings via email: Switch delivery to Daily Digest | Switch to Fully Featured
Visit Your Group | Yahoo! Groups Terms of Use | Unsubscribe

__,_._,___

No comments:

Post a Comment